Sunday, December 30, 2012

न जन्म कुछ न मृत्यु कुछ...


न जन्म कुछ न मृत्यु कुछ, बस इतनी सिर्फ बात है,
किसी की आँख खुल गयी किसी को नींद आ गयी...
                                              -गोपालदास नीरज

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